tata Sons Chairman Salary FY24: टाटा ग्रुप की नॉन-लिस्टेड होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की सैलरी वित्त वर्ष 2023-24 में 19.8 प्रतिशत बढ़कर 135.3 करोड़ रुपये हो गई। यह होल्डिंग कंपनी के मुनाफे पर आधारित कमीशन में बढ़ोतरी के कारण हुआ है।
टाटा सन्स की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रशेखरन को 121.5 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ, जबकि बाकी उनका वेतन और सुविधाएं (perquisites) थीं। टाटा सन्स के सभी डायरेक्टर्स के कुल पारिश्रमिक (remuneration) में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और कंपनी ने अपने टॉप डायरेक्टर्स को 200 करोड़ रुपये का पेमेंट किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में 172.5 करोड़ रुपये था। इसी अवधि के दौरान टाटा सन्स के कर्मचारियों के वेतन और पारिश्रमिक में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 441 करोड़ रुपये हो गया।
Tata Sons के टॉप मैनेजमेंट की कितनी बढ़ी सैलरी
दिलचस्प बात यह है कि भारत की टॉप लिस्टिेड कंपनियों में कार्यकारी पारिश्रमिक (executive compensation) की वृद्धि FY24 में धीमी हो गई। जैसा कि बिजनेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है, BSE 200 कंपनियों के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों (key managerial personnel) या टॉप मैनेजमेंट का कुल पारिश्रमिक वित्त वर्ष 2023-24 में 3.9 प्रतिशत बढ़कर 8,304 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 7,990 करोड़ रुपये था। यह पिछले चार सालों में एग्जिक्यूटिव कंपेंजेशन में सबसे धीमी बढ़ोतरी थी।
टाटा संस से क्यों मिला ज्यादा वेतन
वित्त वर्ष 2023-24 में, टाटा सन्स की कुल राजस्व (Tata Sons total revenue) में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 43,893 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने 41,116.51 करोड़ रुपये का टैक्स से पहले लाभ (PBT) दर्ज किया। कंपनी के अपवादिक मदों (exceptional items) में 1,303.35 करोड़ रुपये के खर्च शामिल थे, जो मुख्य रूप से टाटा टेली सर्विसेज और उसकी सब्सिडियरी कंपनी टाटा टेली सर्विसेज (महाराष्ट्र) द्वारा टेलीकॉम डिपार्टमेंट को AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) देनदारियों के लिए प्रावधानों के कारण था। होल्डिंग फर्म ने 34,653.98 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ (PAT) दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 57 प्रतिशत अधिक था। इस वजह से टॉप अधिकारियों को अच्छा वेतन प्राप्त हुआ।
कंपनी की पूंजी संरचना (capital structure) मजबूत हुई क्योंकि इसकी नेट एसेट 38 प्रतिशत बढ़कर 1,24,878.55 करोड़ रुपये हो गई, जबकि शुद्ध कर्ज (net debt) घटकर निगेटिव 2,679.19 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि 31 मार्च, 2024 तक कैश बैलेंस उसके कर्ज से अधिक था।
शेयर बाजार में लिस्टिंग नहीं कराएगी टाट संस
टाटा संस भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ एक कोर निवेश कंपनी (CIC) के रूप में रजिस्टर्ड है। इसने स्वैच्छिक रूप से CIC के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन छोड़ने और एक गैर-पंजीकृत CIC के रूप में कार्य करने के लिए RBI से आवेदन किया है।
पिछले वर्ष, RBI ने टाटा सन्स को NBFC-अपर लेयर के रूप में वर्गीकृत (क्लासिफाई) किया था, जिससे कंपनी के लिए अपने शेयरों को एक्सचेंजों पर लिस्ट करना जरूरी हो गया था। कंपनी ने वर्ष के दौरान अपने 21,813 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान किया और RBI से लिस्टिंग में छूट का अनुरोध किया।
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कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 1,414 करोड़ रुपये का लाभांश (डिविडेंड) भुगतान किया। टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है, जबकि मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत है। बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की कंपनियों के पास है। FY24 में कंपनी ने ग्रुप कंपनियों से अपनी ब्रांड फीस बढ़ाकर 1,830 करोड़ रुपये कर दिए, जो FY23 में 1,007.96 करोड़ रुपये था।