Sri Lanka election 2024: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज, कौन हैं उम्मीदवार, किसकी जीत के हैं आसार?

Sri Lanka election 2024: दक्षिण एशियाई देश श्रीलंका के लोग आज 10वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहे हैं। यह चुनाव 2022 के भयावह आर्थिक संकट के बाद पहली बार हो रहा है, जब देश अपने कर्ज को चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

महीनों तक भोजन और ईंधन की कमी के कारण देश में भारी राजनीतिक अराजकता फैल गई थी, जिसकी वजह से तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जुलाई 2022 में देश छोड़कर भागना पड़ा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को भी पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

राजपक्षे से सत्ता संभालने वाले और तब से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) पार्टी के अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालवेगया (SJB) पार्टी के सजित प्रेमदासा से चुनौती मिल रही है।

आइये जानते हैं, कि श्रीलंका में चुनाव क्यों काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है और आज होने वाले इलेक्शन में देश की 2 करोड़ 20 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए दांव पर क्या हैं?

श्रीलंका में मतदान किस समय शुरू होगा?

देश के 13,134 मतदान केंद्रों पर शनिवार को सुबह 7 बजे (01:30 GMT) मतदान शुरू होगा। मतदान शाम 4 बजे (10:30 GMT) बंद होगा। मतगणना रात 9:30 बजे (16:00 GMT) शुरू होने की उम्मीद है।

श्रीलंका में चुनाव कैसे होते हैं?

1- श्रीलंका का चुनाव आयोग (ECSL) नामक एक स्वतंत्र निकाय चुनाव की देखरेख करता है।

2- श्रीलंका की 2 करोड़ 20 लाख की आबादी में से लगभग 1 करोड़ 70 लाख लोग मतदान करने के पात्र हैं। 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के श्रीलंकाई नागरिक, जो चुनाव आयोग के साथ रजिस्टर्ड हैं, वो मतदान कर सकते हैं।

3- पुलिस, सेना और अन्य लोक सेवक जो चुनाव के दिन व्यक्तिगत रूप से अपना वोट नहीं डाल सकते हैं, वे पहले से ही डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान कर चुके हैं।

4- इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के अनुसार, इस साल 11 और 12 सितंबर को अग्रिम मतदान हुआ।

5- मतदान के दौरान मतदाता, मतपत्र पर अपनी पसंद के क्रम में तीन उम्मीदवारों को अपनी पसंद के मुताबिक, एक, दो या तीन रैंक करते हैं। पहले रेस में राष्ट्रपति पद की सीट सुरक्षित करने के लिए किसी उम्मीदवार को पहली पसंद के रूप में 50 प्रतिशत वोट हासिल करने की जरूरत होती है।

6- यदि पहले चरण में कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत मत नहीं जीत पाता है, तो पहले चरण के शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण की मतगणना होती है। बाकी उम्मीदवार रेस से बाहर हो जाते हैं।

7- राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए कोई रन-ऑफ वोट नहीं कराया जाता। इसके बजाय, बाहर हुए उम्मीदवारों के मतपत्रों में दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों को मिले मतों की गणना की जाती है, और अगर दूसरे नंबर पर मिलने वाले वोट, शीर्ष दो में से किसी एक उम्मीदवार के हैं, तो वो वोट उनकी टैली में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

8- श्रीलंका के संविधान के 2015 में पारित 19वें संशोधन के अनुसार, राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष होता है और अधिकतम दो कार्यकाल वो हासिल कर सकता है।

प्रमुख उम्मीदवार कौन हैं?

दक्षिण एशियाई राष्ट्र में शीर्ष कार्यकारी पद जीतने के लिए कुल 38 उम्मीदवार मैदान में हैं। जबकि उम्मीदवारों की संख्या शुरू में 39 थी, एक स्वतंत्र उम्मीदवार इदरीस मोहम्मद इलियास की अगस्त में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।

Sri Lanka election 2024: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज, कौन हैं उम्मीदवार, किसकी जीत के हैं आसार?

रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe)

छह बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे ने गोटाबाया राजपक्षे को हटाए जाने के बाद जुलाई 2022 में अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। 75 वर्षीय विक्रमसिंघे सेंटर-राइट यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) से जुड़े रहे हैं, लेकिन इस बार वो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

विक्रमसिंघे अपने नारे “पुलुवान श्रीलंका” यानि “श्रीलंका कर सकता है” के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं और लोगों के बीच ये संदेश लेकर जा रहे हैं, कि उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला है।

हालांकि, विक्रमसिंघे ने देश में उच्च महंगाई दर को कंट्रोल में ला दिया है और देश आर्थिक संकट से उबर रहा है और देश की जीडीपी फिर से आगे बढ़ निकली है, लेकिन उनके विरोधियों का आरोप है, कि वो उसी राजपक्षे परिवार के करीबी हैं, जो देश में आए 2022 आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है।

आपको बता दें, कि निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) पार्टी के समर्थन से शासन किया है।

अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake)

अनुरा कुमारा दिसानायके मार्क्सवादी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) से हैं, जो 2022 आर्थिक संकट के बाद देश में एक लोकप्रिय उम्मीदवार के तौर पर सामने आए हैं।

दिसानायके की लोकप्रियता तब से बढ़ रही है, जब तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलन, जिसे अरागालय (सिंहली में “संघर्ष” के रूप में जाना जाता है) शुरू हुआ था और दोनों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

55 साल के दिसानायके ने विरोध आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने जब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए डील की, तो उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना की थी, जिससे श्रीलंकाई लोगों के लिए जीवन-यापन की लागत बढ़ गई है।

हालांकि JVP पार्टी अभी भी श्रीलंका की संसद में एक मामूली खिलाड़ी है, लेकिन दिसानायके की लोकप्रियता आसमान छू रही है। उनके राजनीतिक अभियान के केंद्र में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा है, जो श्रीलंकाई समाज के बड़े हिस्से में गूंजता हुआ दिख रहा है।

सजित प्रेमदासा (Sajith Premadasa)

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की UNP से अलग होने के बाद सजित प्रेमदासा ने लोकलुभावन समागी जन बालवेगया (SJB) की स्थापना की। पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे प्रेमदासा श्रीलंका की संसद में विपक्ष के वर्तमान नेता हैं।

UNP से जुड़े होने के दौरान विक्रमसिंघे के लंबे समय तक प्रतिद्वंद्वी रहे प्रेमदासा ने 2019 का राष्ट्रपति चुनाव भी लड़ा था, जिसमें वे गोतबाया राजपक्षे से हार गए थे।

उनके पिता, पूर्व राष्ट्रपति प्रेमदासा की 1993 में तमिल अलगाववादी समूह, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के विद्रोहियों ने हत्या कर दी थी। लेकिन हाल के वर्षों में प्रेमदासा ने देश के तमिल वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है, जो बौद्ध बहुल राष्ट्र में 11 प्रतिशत है। देश के उत्तर और पूर्व से तमिलों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक प्रमुख पार्टी, इलंकाई तमिल अरासु कडची (ITAK) ने विपक्षी नेता प्रेमदासा को अपना समर्थन दिया है। 2019 के चुनाव में, तमिलों की एक बड़ी संख्या ने उन्हें वोट दिया था।

नमल राजपक्षे (Namal Rajapaksa)

SLPP के नेता नमल राजपक्षे 38 साल के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं और महिंदा राजपक्षे के सबसे बड़े बेटे हैं, जिन्होंने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों के रूप में काम किया है। वे हटाए गए राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के भतीजे हैं और बदलाव लाने का दावा कर रहे हैं।

हालांकि, 2022 की आर्थिक तबाही के कारण राजपक्षे परिवार के लिए समर्थन सबसे कम है। नमल राजपक्षे 2020 और 2022 के बीच अपने चाचा के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान देश के युवा और खेल मंत्री थे। इनके जीतने की संभावना काफी कम है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव में 38 उम्मीदवारों में से कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं है, जबकि श्रीलंका ने दुनिया को अपनी पहली महिला PM- प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनायके 1960 में दी थी।

श्रीलंका में पोल ​​में कौन आगे चल रहा है?

पोल से पता चलता है, कि दिसानायके सबसे आगे चल रहे हैं। इसमें इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ पॉलिसी (IHP) की तरफ से आयोजित श्रीलंका ओपिनियन ट्रैकर सर्वे भी शामिल है, जिसमें वामपंथी नेता को 48 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि प्रेमदासा को 25 प्रतिशत वोट मिले हैं।

मौजूदा राष्ट्रपति विक्रमसिंघे 20 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर हैं। नमल राजपक्षे 5 प्रतिशत वोट के साथ काफी पीछे हैं।

वहीं, एक और ओपिनियन पोल, श्रीलंका के बारे में आंकड़े जुटाने वाली वेबसाइट Numbers.Ik के मुताबिक, दिसानायके 40 प्रतिशत वोट के साथ सबसे आगे हैं, जबकि प्रेमदासा 29 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे और विक्रमसिंघे 25 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर हैं। यह 9 सितंबर से 16 सितंबर के बीच एकत्र किए गए ऑनलाइन डेटा पर आधारित है।

दांव पर क्या लगा है?

चुनाव में श्रीलंकाई लोगों के लिए अर्थव्यवस्था यकीनन सबसे बड़ा मुद्दा है। 2022 में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी और मुद्रास्फीति 70 प्रतिशत तक बढ़ गई और मुद्रा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया। महीनों तक, लोगों को ईंधन लाने के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ीं, जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

माना जाता है कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की आर्थिक नीति और कोविड-19 महामारी की शुरुआत ने द्वीप राष्ट्र में सबसे खराब आर्थिक संकट में योगदान दिया है।

हालांकि विक्रमसिंघे के कार्यकाल में कुछ आर्थिक संकेतकों में सुधार हुआ है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसकी कीमत चुकानी पड़ी है। IMF सौदे के बाद देश में टैक्स और बिजली की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की गई है।

सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान की रजनी गामेज ने अलजजीरा की एक रिपोर्ट में कहा है, कि “खाद्य सुरक्षा और गरीबी दर जैसे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के खराब होने के कारण, लोगों की भलाई और विकास गंभीर रूप से दांव पर है।”

जबकि प्रेमदासा और दिसानायके दोनों ने कहा है, कि वे पिछले साल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत की गई IMF बेलआउट पैकेज को जारी रखेंगे, लेकिन उन्होंने टैक्स और निजीकरण को कम करने का वादा किया है। एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी के साथ एक इंटरव्यू में प्रेमदासा ने कहा है, कि उन्होंने लोगों के टैक्स बोझ को कम करने के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

इसके अलावा, जातीय अल्पसंख्यकों के वोट चुनाव को उसी तरह बदल सकते हैं, जैसे उन्होंने पिछले चुनावों में किया था। प्रमुख उम्मीदवार सभी सिंहली हैं, लेकिन मतदाता तमिल, मूर, मुस्लिम और बर्गर सहित विभिन्न समुदायों से आते हैं।

दिसानायके का चुनाव अभियान लोकप्रिय समर्थन जुटाने के इर्द-गिर्द पहुंच चुका है। हालांकि, उन्होंने कहा है, कि उन्हें तमिल टाइगर्स के खिलाफ राजपक्षे सरकार के युद्ध का समर्थन करने का कोई अफसोस नहीं है। आपको बता दें, कि तमिल विद्रोहियों के सशस्त्र विद्रोह को 26 वर्षों के बाद 2009 में राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व में कुचल दिया गया था।

दूसरी तरफ, रानिल विक्रमसिंघे तमिल राजनेताओं से अपील करने की कोशिश कर रहे हैं और इस समुदाय का वोट हासिल करने के लिए काफी हाथ पैर मार रहे हैं।

इस बार के चुनाव में सबसे दिलचस्प बात ये है, कि पिछले चुनाव में जिस बौद्ध राष्ट्रवाद की आक्रामकता देखी गई थी, वो इस बार गायब हो चुकी है और आर्थिक संकट और देश की अर्थव्यवस्था के लिए किसके पास क्या योजना है, उसपर ज्यादा बहस हो रही है।

नतीजे कब जारी होंगे?

चुनाव प्राधिकरण ने चुनाव नतीजों के लिए कोई निश्चित तारीख नहीं बताई है। 2019 के चुनाव में मतदान के एक दिन बाद ही परिणाम घोषित किये गये थे।

पिछले चुनाव में सिर्फ दो ही उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ थे और एक उम्मीदवार ने आसानी से 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल कर लिए थे, इसलिए दूसरे या तीसरे विकल्प की कभी गिनती नहीं की गई। लेकिन, इस बार मैदान में ज्यादा उम्मीदवारों और तीन उम्मीदवारों के पास महत्वपूर्ण समर्थन होने के कारण, विश्लेषकों का कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है, कि कोई भी उम्मीदवार आवश्यक 50 प्रतिशत बहुमत हासिल न कर पाए। लिहाजा वोटों की गिनती सामान्य से ज्यादादा लंबी हो सकती है। CG Police Transfer : 3 एसआई समेत 42 पुलिसकर्मियों का तबादला, देखें सूची…