मृत कर्मचारी के परिवार को 1 करोड़ 10 लाख भुगतान करने के आदेश, कोर्ट ने बीमा कंपनी को लगाई फटकार

मृत कर्मचारी के परिवार को 1 करोड़ 10 लाख भुगतान करने के आदेश, कोर्ट ने बीमा कंपनी को लगाई फटकार

बिलासपुर : सड़क हादसों में जान गंवाने या फिर गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। दो पहिया सहित भारी वाहनों का बीमा करने वाली कंपनी ऐसे लोगों के परिजनों को क्षतिपूर्ति मुआवजा देने अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगी। एसईसीएल कर्मचारी की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिजन बीते डेढ़ साल से मुकदमा लड़ रहे है।

कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए मृत कर्मचारी के परिवार को एक करोड़ 10 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। ब्याज का निर्धारण मृत कर्मचारी के परिजनों ने जब से मुकदमा दायर कर किया है उस तिथि से भुगतान करने की तिथि तक ब्याज की गणना की जाएगी। सड़क दुर्घटना में मृत एसईसीएल कर्मचारी कुसमुंडा माइनिंग विभाग में पदस्थ था।

मृतक हरिराम राजवाड़े तखतपुर के ग्राम खपरी का रहने वाला था। वह एसईसीएल के कुसमुंडा माइनिंग विभाग में पदस्थ गया था। दुर्घटना 27 अक्टूबर 2022 को सुबह लगभग 5.30 बजे बलौदा थानांतर्गत पंतोय के पास हुई थी। हरिराम अपनी बाइक से ड्यूटी के लिए कुसमुंडा जा रहा था। रास्ते में पंतोरा की ओर से आ रहे टैंकर सीजी-07, सीए-9468 के चालक ने लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाते हुए उसे टक्कर मारी दी थी। इस हादसे में हरिराम को गंभीर चोट आई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

बलौदा पुलिस ने आरोपी टैंकर चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की। इधर, मृतक की पत्नी व बेटियों ने आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए मोटर दावा अधिकरण के तहत परिवाद दायर किया था। इसमें टैंकर चालक, मालिक व टैंकर का बीमा करने वाली द ओरिएंटल का इंश्योरेंस कंपनी पुराना बस स्टैंड बिलासपुर को पक्षकार बनाया गया था। मामले की सुनवाई प्रथम मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण पीठासीन अधिकारी के कोर्ट में हुई।

कोर्ट ने वाहन का बीमा करने वाली कंपनी को क्षतिपूर्ति मुआवजा देने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि रिस्क कवर करने के लिए वाहन मालिक अगर समय पर प्रीमियम की राशि जमा कर रहे हैं तो संबंधित बीमा कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि रिस्क कवर किया जाए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ तिमोर-लेस्ते’ से विभूषित