ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन ने नीति आयोग की बैठक और रूख, नहीं होगी मीटिंग में कांग्रेस शामिल
नई दिल्ली: नीति आयोग की बैठक को लेकर विपक्ष दलों का अलग- अलग रूख सामने आ रहे है। एक तरफ ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन जैसे विपक्ष दलों से जुड़ें मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक शामिल होकर बजटीय आवंटन सहित केंद्र द्वारा राज्यों से भेदभाव के मुद्दे को उठाना चाहते हैं।
वहीं, कांग्रेस ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगी। ममता ने यह भी दावा किया है कि उनके साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी नीति आयोग की बैठक का हिस्सा बनेंगे। हालांकि, अभी तक हेमंत सोरेन की तरफ से इस पर बयान आना बाकी है।
अपने पिछले दिल्ली दौरे के वक्त यह जरूर कहा था कि जब नीति आयोग की बैठक होगी तो वे राज्य से जुड़े मुद्दे को उठाएंगे। दिल्ली में आज यानी 27 जुलाई को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विकसित भारत 2047 दस्तावेज पर चर्चा की जानी है। नीति आयोग की बैठक में पेयजल की पहुंच, मात्रा और गुणवत्ता, बिजली की गुणवत्ता, एफिशिएंसी और विश्वसनीयता, स्वास्थ्य की पहुंच, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता और भूमि और संपत्ति की पहुंच,डिजिटलीकरण, रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन के मुद्दे सहित राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
वहीं ममती बनर्जी ने कहा मैंने पहले ही फैसला कर लिया है कि मैं जाऊंगी, लेकिन केंद्र का रवैया अलग है। उन्होंने हमसे कहा है कि हमें लिखकर भेजें कि किस तरह से बंगाल को बजट से वंचित किया गया है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। सीएम बनर्जी का कहना है कि यह भेदभाव सही नहीं है।उन्होंने दावा किया है कि केंद्र ने बजट में उनके साथ भेदभाव किया गया है। गौरतलब है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्ष दलों के ऐलान किया है कि वो शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।मध्यप्रदेश में लाडली बहना आवास योजना को लेकर पहुंचे 63 लाख आवेदन, मोहन सरकार ने दिया अपडेट