Kolkata Rape case: ममता सरकार ने विधानसभा में पेश किया एंटी रेप बिल, 36 दिन में सजा-ए-मौत

Kolkata Rape case: ममता सरकार ने विधानसभा में पेश किया एंटी रेप बिल, 36 दिन में सजा-ए-मौत

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और निर्मम हत्या मामले में सीबाआई जांच कर रही है। इस मामले में सीबीआई ने प्रिंसिपल समेत चार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

जिनका पॉलिग्राफ टेस्ट करवाया गया। फिलहाल सीबीआई को एक गवाह भी मिल गया है जिसने वहां का हाल बयां किया। इधर आरोपियों पर सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है तो दूसरी तरफ देश भर में डॉक्टर बिटिया को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए हैं।

कोलकाता के लाल बाजार में सड़कों पर जूनियर डॉक्टर धरना कर रहे हैं और कोलकाता की निर्भया के लिए न सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कोलकाता रेप केस के लिए न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में आवाज उठाई जा रही है, जिसके चलते ही सीएम ममता बनर्जी ने एंटी रेप बिल लाने का ऐलान किया था। यह बिल पश्चिम बंगाल की विधानसभा में आज ममता सरकार लाएगी। इस बिल का नाम अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 होगा। इस बिल के अंदर महिलाओं और बच्चों से अपराध को लेकर कई नियम बनाए जाएंगे, जिसका मकसद सिर्फ एक ही है, राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर लगाम लगाना।

क्या प्रावधान हैं इस बिल में ?

बिल में दुष्कर्म पीड़िता को 36 दिन में न्याय मिलेगा। दुष्कर्म और हत्या मामले में दोष सिद्ध होने के बाद आरोपी को सजा-ए-मौत का प्रावधान। इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि चार्जशीट दाखिल होने के 36 दिन के अंदर दुष्कर्म और हत्या के अपराधी को मौत की सजा का फरमान सुनाया जाएगा। न सिर्फ रेप बल्कि एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर अपराध है, जिसके लिए भी इस बिल में आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान है। हर जिले में स्पेशल फोर्स-अपराजिता टास्क फोर्स बनाई जाएगी। यह अपराजिता टास्क फोर्स-रेप, एसिड अटैक या छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई करेगी।

इस बिल में एक और काफी अहम चीज जोड़ी गई है, वो है कि अगर किसी ने पीड़िता की पहचान उजागर की तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में इस बिल को पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी राज्य की सरकार ने रेप और महिलाओं-बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराध के लिए ऐसे बिल पेश किए हो, इससे पहले भी 2 राज्यों ने ऐसे बिल लाने का प्रयास किया है।

आंध्र प्रदेश ने साल 2019 में दिशा बिल लाने की कोशिश की थी और महाराष्ट्र ने साल 2020 में शक्ति बिल लाने की मुहिम छेड़ी थी, लेकिन बिल को मंजूरी नहीं मिली। कोलकाता रेप केस का मामला इस समय सीबीआई के हाथ में है और सीबीआई मामले की हर परत को खोल रही है और जांच कर रही है। 2 सितंबर को सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।संजय रॉय से संदीप घोष तक… ये हैं कोलकाता कांड के वो 5 किरदार, जिन्हें CBI कर चुकी है गिरफ्तार