Home Loan : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका अपने वेबसाइट पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं, आप भी अगर एक नए घर के लिए लोन लेना चाहते हैं और आप ब्याज से छुटकारा पाना चाहते हो तो आज हम आपको ऐसी कुछ रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं जिससे आपको हम होम लोन लेने से पहले यह बातें जानना बहुत जरूरी है , जिससे आपको ऐसा नहीं लगेगा कि आपने कोई लोन लिया और आप पर बोझ भी नहीं बनेगा और आप आसानी से यह लोन को चुका सकते हो जानते पूरी जानकारी आसान शब्दों में A TO Z |
Home Loan Tips : आज के इस आधुनिक युग में भारत में सबसे ज्यादा लोन होम लोन लिया जा रहे क्योंकि आज सभी को एक अच्छे घर की जरूरत होती है और उनका एक सपना होता है कि वह एक सुंदर घर बनाए होम लोन के मामले में आपकी उम्र का भी काफी बड़ा रोल होता है. आपकी उम्र जितनी ज्यादा होगी, लोन चुकाने के लिए समय कम मिलेगा और ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. हालांकि घर खरीदना कोई सामान्य बात नहीं होती. तमाम लोग ऐसे हैं जो 40 या इससे ज्यादा की उम्र होने पर घर खरीद पाते हैं. अगर आप भी 40 साल या इससे ज्यादा उम्र के हैं और होम लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, तो आपको एक बार कुछ टिप्स जरूर समझ लेने चाहिए. ये टिप्स खुद एक बैंक ने ग्राहकोंं को दिए हैं और ये लोन की टेंशन को आपके सिर पर कभी हावी नहीं होने देंगे.
HDFC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वैसे अगर भारत में कोई ऐसी बैंक नहीं होगी जो होम लोन नहीं देती होगी लगभग सभी बैंक है जो होम लोन देती है लेकिन उसका भी कुछ क्राइटेरिया ,नियम है रेगुलेशन होते हैं उसके तहत ही आप होम लोन ले सकते होआमतौर पर बैंकों में अधिकतम 30 साल तक के लिए होम लोन दिया जाता है. लेकिन अगर आपकी उम्र 40 साल या इससे ज्यादा हो गई है तो आपकी रिटायरमेंट की उम्र को ध्यान में रखते हुए बैंक आपको 30 साल की अवधि का ऑफर नहीं देंगे. लेकिन अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, नौकरी पक्की है, तो आप लोन चुकाने का अवधि रिटायरमेंट के बाद तक बढ़ाने के लिए लेंडर को राजी कर सकते हैं. ऐसे में कोशिश करें कि आपको जितनी अधिकतम अवधि का लोन ले सकते हों, वो ले लें. इससे ईएमआई का बोझ कम रहेगा.
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होम लोन को जल्दी चुकाने के लिए : और छुटकारा पाने के लिए आप एक साथ राशि एक साथ भर सकते हो जिससे आपको किस्तों में देने में आसानी होंगी बोझ कम रखने के लिए आप बड़ा डाउन पेमेंट करें. इससे न केवल EMI छोटी हो जाएगी बल्कि ब्याज कम्पोनेन्ट भी कम हो जाएगा. हालांकि, बड़ा डाउन पेमेंट करने के लिए खुद पर जबरदस्ती का बोझ न बढ़ाएं. मेडिकल और दूसरी इमर्जेन्सीज के लिए अलग रखे फंड्स का इस्तेमाल डाउन पेमेंट के लिए न करें ।