भक्तों के लिए एक बार फिर शुभ अवसर लेकर आ रही है — “श्याम की टोली” की चतुर्थ रेल यात्रा, जो 1 जुलाई से 8 जुलाई 2025 तक आयोजित की जा रही है। यह यात्रा बिलासपुर से शुरू होकर बिलासपुर पर ही समाप्त होगी और श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था के संग आध्यात्मिक तीर्थों की अविस्मरणीय झलक प्रदान करेगी।
इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक स्थलों के दर्शन कराना नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को एक ऐसी सुखद, सुरक्षित और संतुलित यात्रा का अनुभव देना है, जो उनकी आत्मा को छू जाए। आधुनिक सुविधाओं और गहरी धार्मिक भावना का यह अनूठा संगम श्रद्धालुओं के जीवन में न केवल भक्ति का दीप जलाएगा, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति की गहराई से परिचित भी कराएगा।
यात्रा विवरण:
• यात्रा तिथि: 1 जुलाई से 8 जुलाई 2025
• स्थान: बिलासपुर से बिलासपुर (रेल यात्रा द्वारा)
• यात्रा शुल्क: ₹13,000/- मात्र
• सुविधाएँ:
• वातानुकूलित ट्रेन से यात्रा
• AC बस द्वारा लोकल भ्रमण
• आरामदायक AC कमरे
• शुद्ध, स्वादिष्ट एवं A1 श्रेणी का शाकाहारी भोजन
यात्रा के धार्मिक स्थल एवं महत्व:
1. वृंदावन, गोकुल, मथुरा, बरसाना
श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े ये पावन स्थल हर भक्त के हृदय में विशेष स्थान रखते हैं। यहां की गलियाँ, मंदिर, रासलीला और प्रेममय वातावरण आत्मा को भाव-विभोर कर देता है।
2. मेंहदीपुर बालाजी
हनुमान जी के चमत्कारी मंदिर के लिए प्रसिद्ध, यह स्थान विशेष रूप से बुरी शक्तियों से मुक्ति और मानसिक शांति के लिए जाना जाता है।
3. खाटू श्यामजी
कलियुग के देवता माने जाने वाले श्याम बाबा के मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य हर भक्त की सबसे बड़ी कामना होती है। यहाँ की भजन संध्या, भंडारा और भक्तों का उत्साह देखने लायक होता है।
4. पुष्कर और अजमेर शरीफ
पुष्कर स्थित ब्रह्मा जी का मंदिर और अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह – ये दोनों स्थल भारत की आध्यात्मिक विविधता और धार्मिक एकता के प्रतीक हैं।
📞 संपर्क जानकारी (बुकिंग हेतु):
• अमन गोयल – 📱 9977770831
• रितेश अग्रवाल – 📱 7987726724
• चिराग अग्रवाल – 📱 7000115844
सीटें सीमित, भावनाएँ असीमित!
श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समय रहते अपनी सीट आरक्षित कर लें, क्योंकि यह यात्रा सीमित संख्या में यात्रियों के लिए आयोजित की जा रही है, जिससे हर व्यक्ति को समुचित सुविधा और सेवा दी जा सके।
“श्याम की टोली” की यह यात्रा केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि जीवन को भक्ति और सेवा के पथ पर अग्रसर करने का एक महान अवसर है।
जय श्री श्याम!
भाव और श्रद्धा से की गई यात्रा, स्वयं श्याम बाबा तक पहुंचाती है।