दिल्ली आबकारी नीति केस: CBI मामले में 8 अगस्त तक बढ़ी CM केजरीवाल की न्यायिक हिरासत

दिल्ली आबकारी नीति केस: CBI मामले में 8 अगस्त तक बढ़ी CM केजरीवाल की न्यायिक हिरासत

दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े CBI मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ाई है. उन्हें तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया.

वहीं, दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप नेता मनीष सिसोदिया और BRS लीडर के कविता की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी है. उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को तय की है.

नई आबकारी नीति क्या थी?

दरअसल, यह वह पॉलिसी थी, जिसके लागू होते ही दिल्ली में शराब और बीयर पर ऑफर की झड़ी लग गई. नई आबकारी पॉलिसी के चलते दिल्ली में कई शराब के स्टोर्स पर एक बोतल की खरीद पर दूसरी मुफ्त में मिल रही थी. कुछ जगहों पर तो एक पेटी खरीदने पर दूसरी पेटी फ्री मिल रही थी. इस ऑफर की वजह से दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं. शराब की दुकानों पर इतनी भीड़ बढ़ गई कि कई जगहों पर पुलिस की मदद लेनी पड़ी. लेकिन उसके बावजूद भी एक बोतल की खरीद पर दूसरी बोतल मुफ्त (Buy One Get One Free) मिलती रही.

बता दें, दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू हुई थी. जिसके बाद शराब बिक्री के नियम बदल गए. दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी के तहत शराब स्टोर्स को अधिकार था कि ग्राहकों को लुभाने के लिए वे गिफ्ट और डिस्काउंट्स दे सकते हैं.

जबकि इससे पहले की आबकारी नीति के तहत शराब के दाम सरकार तय करती थी, जिस कारण दुकानदार इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते थे और एक बोतल के साथ दूसरी फ्री जैसी कोई स्कीम नहीं थी. हालांकि उस समय आधिकारिक तौर पर आबकारी अधिकारियों का कहना था कि दिल्ली में शराब पर सिर्फ 25 फीसदी ही छूट है, जबकि एक के साथ एक फ्री, यानी 50 फीसदी तक की छूट मिल रही थी.

दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति के तहत साल 2021-22 में राजधानी दिल्ली में शराब बिक्री का काम पूरी तरह निजी हाथों में दे दिया था. इसके लिए उसने शराब की खुदरा विक्रेता कंपनियों से शराब की बिक्री से पूर्व ही कथित लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 300 करोड़ रुपये ले लिए थे. इसके साथ ही विक्रेताओं को यह अनुमति दे दी गई थी कि वे MRP से नीचे किसी भी दाम पर शराब बेच सकते हैं.

यहीं से शराब में छूट देने का खेल शुरू हो गया. हर ठेकेदार ज्यादा शराब बेचने के लिए छूट-पर-छूट देने लगे, और लोग जमकर खरीद भी रहे थे. क्योंकि दिल्लीवाले घरों में 18 लीटर बीयर या वाइन रख सकते हैं.BPSC समेत ये एग्जाम आएंगे बिहार के नए पेपरलीक रोधी कानून के दायरे में, 10 साल की जेल समेत ये होगी सजा