Chhattisgarh Monsoon session : पहले दिन गूंजा शिक्षकों की कमी और बलौदाबाजार हिंसा का मामला

Chhattisgarh Monsoon session : छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार से आंरभ हो गया है। प्रथम दिन दिवंगत पूर्व विधायकों को श्रध्दाजंलि दने के बाद 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। इसके पश्चात् शुरू हुए प्रश्नकाल के दौरान स्कूल में शिक्षकों की मुद्दा गूंजा।

सदन में पहले दिन ही गहमागहमी देखने को मिली। रायपुर ग्रामीण से भाजपा विधायक मोतीलाल साहू के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पूरे भारत में 26 छात्र पर एक शिक्षक है। इसी प्रकार वहीं छत्तीसगढ़ में 21 छात्र पर एक शिक्षक है। यहां पर शिक्षक की कमी है। कुछ अव्यवस्थाओं ऐसी स्थिति बनी है। छत्तीसगढ़ में 300 स्कूल शिक्षक विहीन है। लगभग 5000 स्कूल एकल शिक्षकीय है। सीएम साय ने कहा कि हमने युक्ति युक्त कारण की प्रक्रिया शुरू की है। उसके बाद शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाया जायेगा।

शिक्षकों की कमी से संबंधित इस सवाल जवाब के दौरान अपना पूरक प्रश्न करते हुए कुरुद से भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने शहर के सरप्लस शिक्षकों वाले स्कूलों की जानकारी जाननी चाही, इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अभी इस संबंध जानकारी उपलब्ध नहीं है। बाद में उपलब्ध करवा दी जाएगी।

मानसून सत्र के पहले विपक्षी दल कांग्रेस ने भी जोरशोर से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। विपक्षी विधायकों ने सदन में बलौदाबाजार में हुई हिंसा का मामला उठाया। इस विषय पर शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव लाया गए । सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक और धरमजीत सिंह ने इस आपत्ति दर्ज करवाई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अभी स्थगन प्रस्ताव पर कल सुन रहा हूं, निर्णय नहीं दिया है।

इस स्थगन प्रस्ताव पर पूर्व सीएम और कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कि हमारा स्थगन आयोग के कार्यक्षेत्र से बाहर के मामला पर है। विधानसभा अध्यक्ष इस विषय पर अपनी अनुमति दे सकते है। इसपर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर इस आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यदि चर्चा होगी, तो पूरे विषय पर बात होगी। जांच आयोग का कार्य प्रभावित होगा, लिहाजा इस पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए। हालांकि अध्यक्ष ने पक्ष-विपक्ष के मध्य तीखी बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की स्वीकृति दी।

विपक्ष का आरोप, हिंसा में शामिल होने नागुपर से आये थे लोग

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इस घटना में नागपुर से लोग आकर शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि नागपुर से आये,लोग रात्रि में बलौदाबाजार में रुके थे। घटना से पूर्व हजारों लोग शहर में आ रहे थे, लेकिन उन्हें रोका नहीं गया। बघेल ने आरोप लगाया कि बलौदाबाजार कलेक्टर और एसपी ने बाहर से आये लोगों के भोजन और रहने की व्यवस्था कराई थी। बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने सतनाम भवन का वाहन जलाने का प्रयास किया। इन सबके लिए भाजपा की सरकार जिम्मेदार है। पुलिस दुर्भावनापूर्ण से कार्रवाई कर रही है।

Chhattisgarh Monsoon session : पहले दिन गूंजा शिक्षकों की कमी और बलौदाबाजार हिंसा का मामला

लगाए गए 900 से ज्‍यादा सवाल

22 से 26 जुलाई तक छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित होगा। इस बार विधायकों के लिए ऑफलाइन समेत ऑनलाइन ध्यानाकर्षण और स्थगन की सूचना देने की सुविधा रखी गई है। पांच दिनों तक चलने वाले इस सत्र को लेकर 900 से ज्‍यादा तारांकित और अतारांकित सवाल लगाए गए हैं।