Cave On Moon: चांद पर गुफा होगी इंसानों का ठिकाना… वैज्ञानिकों को मिली 100 मीटर लंबी गुफा, बन सकता है शेल्टर होम

Cave On Moon: चांद पर गुफा होगी इंसानों का ठिकाना… वैज्ञानिकों को मिली 100 मीटर लंबी गुफा, बन सकता है शेल्टर होम

आए दिन चांद और दूसरे ग्रहों को लेकर कुछ न कुछ खबरें आती रहती हैं. अब इसी कड़ी में एक और खुलासा हुआ है. वैज्ञानिकों ने चांद पर एक गुफा होने की बात कही है. ये उस जगह से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 साल पहले पहली बार चंद्रमा पर लैंडिंग हुई थी.

यह खोज कहीं न कहीं भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर एक सुरक्षित जगह देगी. यानी भविष्य में ये इंसानों का शेल्टर होम हो सकती है, जहां लोग जाकर रुक सकते हैं. नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में इसे लेकर एक रिपोर्ट भी पब्लिश हुई है. इस जगह को लूनर मेर (lunar mare) के नाम से जाना जाता है.

चंद्रमा पर गुफा की खोज
बता दें, यह गुफा उस जगह से लगभग 400 किलोमीटर दूर है जहां अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने 1969 में चंद्रमा पर लैंडिंग की थी. यह लगभग 45 मीटर चौड़ी और 80 मीटर तक लंबी है, ये 14 टेनिस कोर्ट के बराबर जगह को कवर करती है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि लगभग 50 साल से ज्यादा समय से चांद पर गुफाएं मौजूद हैं. लेकिन यह पहली बार है कि जब किसी गुफा के एंट्री पॉइंट की पहचान की गई है.

गुफा की खोज कैसे हुई?
इस रिसर्च को लिखने वाले लियोनार्डो कैरर, लोरेंजो ब्रुजोन और उनके साथ कुछ और लोग भी हैं. इन्होंने नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) स्पेसक्राफ्टद्वारा 2010 में ली गई तस्वीरों का विश्लेषण किया. इन तस्वीरों से चांद पर सबसे गहरे गड्ढे का पता चला है. उनका कहना है कि यह लावा ट्यूब के ढहने से बनी गुफा है. बता दें, लावा ट्यूब सुरंगें हैं जो तब बनती हैं जब पिघला हुआ लावा ठंडे लावा के क्षेत्र के नीचे बहता है.

चांद पर गड्ढों और गुफाओं को समझना
चांद पर गड्ढे बड़े और खड़ी दीवारों वाले होते हैं. ये गुफाएं कटोरे के आकार की होती हैं. ये किसी कॉमेट के गिरने से बनते हैं. चांद पर कम से कम 200 गड्ढे खोजे गए हैं. माना जा रहा कि 16 गड्ढे एक अरब साल पहले हुई ज्वालामुखी से बने थे.

चांद पर तापमान और सोलर रेडिएशन का असर धरती से ज्यादा होता है. दिन के दौरान, सतह लगभग 127 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो सकती है, और रात में, यह लगभग -173 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकती है. इसके अलावा, चांद पर गुफाओं का औसत तापमान लगभग 17 डिग्री सेल्सियस है, जो इंसानों के रहने के लिए उन्हें सही बनाती हैं.

चुनौतियां भी हैं
हालांकि, चांद पर गुफाओं में रहने की अपनी चुनौतियां भी हैं. इन गुफाओं की गहराई के कारण उन तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है, और हिमस्खलन और गुफाओं के ढहने का खतरा हो सकता है. इतना ही नहीं इसमें जमीन में घुसने वाले रडार, रोबोट या कैमरे का उपयोग शामिल हो सकता है.

जैसे-जैसे वैज्ञानिक इन गुफाओं पर स्टडी जारी रखते हैं उम्मीद की जा रही है कि इनके बारे में और जानकारी मिल सकती है. ये चांद पर भविष्य के मिशनों में भूमिका निभा सकते हैं.Honor 200 Pro vs Motorola Edge 50 Pro vs Oppo Reno12 Pro: जानें किसे खरीदना होगा बेस्ट ऑप्शन