अगर आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। इसे पाने के लिए वह बहुत कुछ करती हैं: जिम में पसीना बहाने से लेकर डाइटिंग तक। सिर्फ आपको सुंदर और स्वस्थ दिखाने के लिए। तो अब आपके पास वजन कम करने का एक और कारण है। हाँ, एक नए अध्ययन में सेलूलोज़ की अतिरिक्त परतों और स्लीप एपनिया (नींद से संबंधित समस्या) के बीच एक संबंध पाया गया है। इसका मतलब यह है कि वजन कम करने से अब आपको अच्छी नींद आएगी। क्या आपको रात को सोने में परेशानी होती है? या क्या आपको जागने के बाद दोबारा सो जाना मुश्किल लगता है? और अगर आप अगले दिन बहुत ज्यादा थकान महसूस करते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आपको ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या हो सकती है। लेकिन चिंता न करें क्योंकि वजन कम करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।
“अगर नींद नहीं आ रही और वजन बढ़ रहा है, तो अपनाएं ये उपाय सेहत सुधारने के लिए”
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी एडिलेड इंस्टीट्यूट फॉर स्लीप हेल्थ की एक रिसर्च के अनुसार, अपनी डाइटरी आदतों में कुछ बदलाव करके ना केवल अपना वजन कम कर सकती हैं बल्कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के खराब प्रभाव को भी कम कर सकती है, जो एक स्लिप डिस्ऑर्डर है जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट होती है। और फेफड़ों में हवा ठीक तरीके से नहीं जा पाती है। ओएसए की वजह से ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है!
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क्या कहती है रिसर्च
रेस्पिरेटरी एंड स्लीप फिजिशियन डॉक्टर कार्सा याप ने कहा ”हमारी प्रोजेक्ट में हमने अपर्याप्त नींद के कारण बहुत ज्यादा थकान के कारण एक्सरसाइज ना करना और खाने की आदतों में सुधार किया जो आमतौर पर क्रोनिक स्लीप एपनिया के साथ आता है।”
“अगर नींद नहीं आ रही और वजन बढ़ रहा है, तो अपनाएं ये उपाय सेहत सुधारने के लिए”
रिसर्च का परिणाम
“हमारे छह महीने के अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने पाया कि फ्लेन्ंडर्स व्यवहार कार्यक्रम में एक बैलेंस मील रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट जैसे कि इम्प्रोमी (सीएसआईआरओ द्वारा विकसित) के साथ मिलकर वजन घटाना प्रभावी होता है। इसके बदले में हम उस पर नजर रखी कि वजन घटाने से प्रतिभागियों में स्लीप एपनिया के लक्षणों में कमी आई या नहीं।
सीएसआईआरओ रिसर्च डायटीशियन डॉक्टर जेन बोवेन ने कहा कि ”हम जानते हैं कि इस टीम का हिस्सा बनने वाले कई लोगों ने अपने कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज में बहुत कम समय में सकारात्मक कमी पाई।”