कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के सबसे दुर्गम और माओवादी प्रभाव वाले क्षेत्र अबूझमाड़ से लौटे वीर जवानों का नारायणपुर जिला मुख्यालय में भव्य स्वागत हुआ, मानो शहर में दिवाली से पहले ही रोशनी और उत्साह का पर्व आ गया हो। जवानों ने 12 करोड़ से अधिक इनामी 27 खूंखार नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर कर एक ऐतिहासिक सफलता अर्जित की। इस अभियान में नक्सल पोलित ब्यूरो महासचिव बसवा राजू उर्फ बसवराज को भी मार गिराया गया, जो माओवादियों का शीर्ष रणनीतिकार था।
#WATCH | Chhattisgarh: DRG jawans celebrate after the successful elimination of 27 naxals during an encounter in the forest area of Abujhmad in Narayanpur on 21st May.
Top naxal leader Basava Raju was also killed in the encounter. pic.twitter.com/9nFQ3IJXkk
— ANI (@ANI) May 22, 2025
जैसे ही ऑपरेशन में शामिल डीआरजी के जवान अबूझमाड़ के गोटेर से लौटे, पूरा जिला गर्व और उत्सव के रंग में रंग गया। मुख्यालय पहुंचते ही लोगों ने जवानों की आरती उतारी, रंग-गुलाल लगाया, पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया। हर चेहरे पर गर्व था, हर आंख नम, लेकिन चमकती हुई—देश की रक्षा में लगे इन रक्षकों को देख कर। जवानों ने भी इस ऐतिहासिक विजय को जनता के साथ साझा करते हुए जमकर जश्न मनाया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर पारंपरिक गीतों की धुनों पर जवानों ने थिरकते हुए जीत का जश्न मनाया। यह दृश्य मानो सुरक्षा बलों और आम जनता के बीच के रिश्ते की सबसे खूबसूरत तस्वीर बन गया।
#WATCH नारायणपुर, छत्तीसगढ़: शीर्ष नक्सली बसव राजू सहित 27 नक्सलियों को मार गिराए जाने के बाद डीआरजी जवानों ने जश्न मनाया। pic.twitter.com/8z02pfptGX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 22, 2025
जहां एक ओर जीत की खुशी थी, तो वहीं दूसरी ओर उन दो वीर जवानों को भी श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने इस मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी। पूरा नारायणपुर उनके बलिदान को नमन करता है। श्रद्धा और सम्मान के साथ उनके परिजनों को भरोसा दिया गया कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलवाद का अंत अब नजदीक है।
बता दें कि, इस मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों की कुल इनामी राशि 12 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इनमें कई बड़े कमांडर और रणनीतिक स्तर के माओवादी शामिल थे। अबूझमाड़ जैसे इलाकों में ऐसी बड़ी कार्रवाई इस बात का संकेत है कि नक्सलवाद की जड़ें अब उखड़ने लगी हैं। जवानों के हौसले बुलंद हैं और जनता का समर्थन उनके साथ है। अब यह स्पष्ट है कि नक्सलवाद के दिन गिने जा चुके हैं, और जल्द ही छत्तीसगढ़ के हर कोने में शांति और विकास का उजियारा फैलेगा।