केजरीवाल की फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, दिल्ली HC के फैसले को दी चुनौती, अब CBI केस में मांगी बेल

केजरीवाल की फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, दिल्ली HC के फैसले को दी चुनौती, अब CBI केस में मांगी बेल

दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस बार उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें HC ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

केजरीवाल ने SC से जमानत दिए जाने की मांग की है.

केजरीवाल को ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है. सिंघवी का कहना था कि इसे कल के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. इस पर सीजेआई ने कहा कि मुझे एक ईमेल भेजें. निश्चित तौर पर इस पर गौर करेंगे.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 अगस्त तक बढ़ाई केजरीवाल की कस्टडी

बताते चलें कि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 अगस्त तक बढ़ा दी है. 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था और कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कार्य में किसी तरह की दुर्भावना देखने को नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए पहले निचली अदालत में जाने को कहा था. CBI ने तर्क दिया था कि AAP संयोजक गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था.

ईडी ने अंतरिम जमानत का किया है विरोध

मामले से जुड़े एक वकील ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. वहीं, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जमानत दिए जाने का विरोध किया है. 7 अगस्त को ईडी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अब इस मामले में 5 सितंबर को सुनवाई होनी है.

केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था

मुख्यमंत्री केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद 20 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. हालांकि, ट्रायल कोर्ट के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी.

इससे पहले साल 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा एक्साइज पॉलिसी तैयार करने और कार्यान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और उत्पाद शुल्क नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.सिद्धेश्वर नाथ मंदिर हादसा: पहले हुई कहासुनी और हाथापाई, फिर मची भगदड़, सीएम नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख देने की घोषणा की