Paytm निवेशकों को लगा झटका, जून तिमाही में 840 करोड़ रुपये का हुआ घाटा, RBI के फैसले का दिखा असर
Paytm: पेटीएम की मालिकाना हक वाली कंपनी वन कम्युनिकेशंस का घाटा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 840 करोड़ रुपये हो गया। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 358.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
पेटीएम के शेयरों में आज तेजी देखने को मिली है। कंपनी के शेयर शुक्रवार को 3.07 प्रतिशत की तेजी के साथ 458.70 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था। पिछले एक महीने के दौरान पेटीएम के शेयरों का भाव 10 प्रतिशत बढ़ा है।
पेटीएम ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी नेट इनक 33.48 प्रतिशत घटकर 1,639.1 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,464.2 करोड़ रुपये था।
तिमाही नतीजों पर कंपनी ने क्या कुछ कहा है?
पेटीएम के प्रवक्ता ने घाटे में बढ़ोतरी और राजस्व में गिरावट के लिए मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण कारोबार में आई बाधा को जिम्मेदार ठहराया।
प्रवक्ता ने कहा, “इसके लिए (राजस्व में कमी और घाटे में वृद्धि)तीन कारक जिम्मेदार हैं। यह मुख्य रूप से वॉलेट जैसे पीपीबीएल उत्पादों के कारण व्यवधान हैं। हमने वॉलेट और कुछ उत्पादों का उपयोग बंद कर दिया है।”
दूसरी तिमाही से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
कंपनी ने कुछ ऐसे उत्पादों पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिनके बारे में उद्योग स्तर पर नियामकों को चिंता हो सकती है। प्रवक्ता के अनुसार, पहली तिमाही में पीपीबीएल व्यवधान का प्रभाव समाप्त हो गया है और कंपनी का प्रदर्शन दूसरी तिमाही से बेहतर होगा।
आरबीआई ने लिया था एक्शन
आरबीआई ने कारोबारियों सहित ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए 15 मार्च से पीपीबीएल को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है।राष्ट्रपति ने दो हाई कोर्ट के दस एडिशनल जजों को स्थायी जज नियुक्त किया