30 जुलाई को घर से निकली और वापस नहीं लौटी?, अपहरण कर 60 दिन तक रेप, 21 वर्षीय एक युवक अरेस्ट और निशानदेही पर नाबालिग बरामद

30 जुलाई को घर से निकली और वापस नहीं लौटी?, अपहरण कर 60 दिन तक रेप, 21 वर्षीय एक युवक अरेस्ट और निशानदेही पर नाबालिग बरामद

भदोही पुलिस ने अगस्त में एक लड़की का अपहरण करने और दो महीने में कई बार उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में सोमवार को 21 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया । यह जानकारी पुलिस की एक अधिकारी ने सोमवार को दी।

अधिकारी ने बताया कि आरोपी विशाल प्रजापति (21) को रविवार देर शाम भदोही रेलवे स्टेशन से उस वक़्त गिरफ्तार किया गया जब वह ट्रेन से कहीं भागने की फिराक में था। उसकी निशानदेही पर नाबालिग को बरामद कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि शहर कोतवाली इलाके के रहने वाले युवक ने 20 अगस्त को एक तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उसकी बहन 30 जुलाई की देर शाम शौच के लिए घर से निकली थी और वापस नहीं लौटी।

उनके मुताबिक तहरीर में दावा किया गया था कि अमिलौरी गांव के विशाल प्रजापति नाम के युवक के साथ उसकी बहन को देखा गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने विशाल प्रजापति के खिलाफ 20 अगस्त को अपहरण का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।

एसपी ने बताया रविवार को एक सूचना पर रेलवे स्टेशन से विशाल को गिरफ्तार कर कड़ाई से हुई पूछताछ के बाद नाबालिग लड़की को भी बरामद कर लिया गया। उन्होंने बताया कि लड़की की आज मेडिकल जांच कराई गई है। अदालत में बयान दर्ज कराने साथ विधिक कार्रवाई पूरी की जा रही है। उन्होंने बताया मेडिकल रिपोर्ट और बयान के बाद मामले में पॉक्सो और अन्य सुसंगत धाराएं शामिल की जाएंगी।

यौन शोषण के शिकार कई एससी/एसटी बच्चों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला : एनसीपीसीआर

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने यौन अपराधों के शिकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों के बच्चों की बड़ी संख्या पर चिंता जतायी और कहा कि तत्काल मुआवजे के कानूनी प्रावधानों के बावजूद उनमें से कई को राज्यों से कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है।

एनसीपीसीआर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यौन अपराधों के शिकार बने 5,178 बच्चों में से 1,546 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं। सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने ‘पॉक्सो ट्रैकिंग’ पोर्टल से डेटा साझा किया।

यह पोर्टल यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों पर नजर रखता है। एनसीपीसीआर ने कहा, ”तत्काल मुआवजे के कानूनी प्रावधानों के बावजूद, इनमें से कई पीड़ितों को कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है।”auto mobile: सिर्फ 1 लाख रुपये दें और घर ले आएं Tata Nexon! हर महीने देना होगा इतना अमाउंट