Raipur: 51 किलो शुद्ध गोबर से मूर्तिकार ने बनाई गौरी व गणेशजी की मूर्ति, 40 साल का सपना हुआ पूरा

Raipur: देशभर में यह पहला प्रयोग होगा जब 51 किलो शुद्ध गोबर से गौरी और गणेशजी की मूर्ति तैयार की गई है. यह कर दिखाया है भवानी भवन मूर्ति कला केंद्र निमोरा के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पीलू राम साहू ने. माता गौरी की मूर्ति की ऊंचाई लगभग साढे छह फीट है और भगवान गणेश की मूर्ति लगभग 4 फीट की है.

खास बात यह है कि शुद्ध गोबर से इन मूर्तियों को तैयार किया गया है. 40 साल का सपना हुआ पूरा मूर्तिकार पीलू राम वैसे तो सभी प्रकार की मूर्तियां तैयार करते हैं लेकिन उनके मन में था कि गोबर से भी मूर्ति बनाई जा सकती है. यह सोच लगभग 35-40 साल पहले से उनके मन में थी. धीरे-धीरे इस पर उन्होंने विचार किया और रिसर्च करते गए. तब कहीं जाकर अब उन्हें सफलता मिली है.

क्योंकि गोबर को यदि थोड़े दिन बाहर में रख दें तो या तो वह सूख जाता है या फिर उसमें कीड़े लग जाते हैं. उन्होंने गोबर को स्वच्छ रखने के लिए ऐसी तैयारी की है कि ना तो उसे सूखने दिया और ना ही उसमें कीड़े लगने दिए. आज गोबर की गौरी और गणेश की मूर्ति साक्षात उन्होंने खड़ी कर दी है.

मूर्तीकार पीलूराम बताते हैं, 2 माह की मेहनत के बाद उन्होंने गोबर से गौरी और गणेश की ये मूर्तियां तैयार की हैं. वे लावारिस पाए गए 4 बछड़े- बछियों का पालन-पोषण करते हैं. उन्होंने इन्ही का नाम दुर्गा, सिद्धि, सरस्वती और पुन्नी रखा है. इन्हीं के गोबर से मूर्ति तैयार की गई है.

उन्होंने बताया, गोबर का कलर तैयार करने के लिए गोबर में पानी डालकर आग में लगभग 5 से 6 घंटे तक गर्म किया जाता है. जिससे गोबर पिघलता है. पिधले हुए गोबर को ऊपर से पॉलिश करने के लिए या फिर गुल के रूप में उपयोग करने के लिए कार्य में लिया गया है.

मूर्ति में मिट्टी का उपयोग कहीं नहीं

उन्होंने बताया, गोबर से बनाई गई गौरी व गणेशजी की इन मूर्तियों में मिट्टी या अन्य पदार्थों की जरा भी मिलावट नहीं की गई है. इन्हें बनाने में उन्हें बहुत ज्यादा मेहनत लगी. जब मूर्ति पर गोबर की परत चढ़ाई जाती थी तो उसके सूखने का भी इंतजार करना पड़ता था, तब कहीं जाकर ऊपर में पुनः परत चढ़ाई जा सकती थी.CG BREAKING : प्लांट में बड़ा हादसा, कोयला बंकर गिरने से कई लोग दबे, दो मजदूरों की मौत, बचाव कार्य जारी