माधवी पुरी बुच : दवा कंपनी वॉकहार्ट (Wockhardt) ने कैरल इंफो सर्विसेज (Carol Info Services) द्वारा किराए के भुगतान और कंपनी के संबंध में सेबी (SEBI) द्वारा पारित कुछ आदेशों के साथ इसके संबंध के आरोपों से इनकार किया है।
वॉकहार्ट ने आरोपों को पूरी तरह से निराधार और भ्रामक बताया
वॉकहार्ट ने शुक्रवार देर रात एक नियामक फाइलिंग में कहा, “इस संबंध में, हम स्पष्ट रूप से इन आरोपों से इनकार करते हैं और कहते हैं कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं।” एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने आगे कहा कि उसने सभी लागू कानूनों का पालन किया है और भविष्य में भी करती रहेगी।
कांग्रेस ने सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच पर लगाए नए आरोप
बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस ने सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर नए आरोप लगाए और कहा कि उनकी किराये की आय हितों का टकराव थी। विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि बुच को दवा कंपनी वॉकहार्ट से जुड़ी उस सहायक इकाई से किराये की आय प्राप्त हुई, जिसकी सेबी द्वारा भेदिया कारोबार (insider trading) समेत कई मामलों में जांच की जा रही थी।
माधवी पुरी बुच : बुच को पिछले 6 वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 के बीच) में कैरोल इन्फो सर्विसेज से 2.16 करोड़ रुपये की कुल किराया आय प्राप्त हुई। बुच अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं और मार्च 2022 में उन्होंने सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली।
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वॉकहार्ट का शेयर 5 फीसदी टूटा
बुच पर इन आरोपों के बीच वॉकहार्ट का शेयर शुक्रवार को 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 1,035 रुपये पर बंद हुआ। कांग्रेस ने कहा है, ‘सेबी के पिछले अध्यक्षों ने हितों के टकराव के जरा से साये से बचने के लिए काफी दूरी रखी है, सेबी में अपनी भूमिकाओं में और अपने पिछले पदों पर भी। इसके विपरीत बुच ने अपने निवेश को सिर्फ अपने पति को स्थानांतरित किया जिससे विश्वसनीयता को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।’